...

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प्यार का पड़ाव
उसने मुझसे कहा कि अब हमारा प्यार एक अलग ही पड़ाव पर है।
मैंने पूछा कैसा पड़ाव ?
उसने कहा !
जहां जितनी भी लड़ाई हो लेकिन पीछे नहीं जा सकते ,
पीठ कर के एकदुसरे के सोए हुए हो लेकिन मन में आएगा की अब मुड जाए,
आंख बंद करो तो लगे ही ना की पीठ कर के सोए है ,
अगली सुबह उठे तो याद ही ना रहे की पीठ कर के सोए थे,
जहां जितना भी अलग हो मन वहीं लगा रहेगा,
कुछ अच्छा हो तो मन में आए की उसका भी हो जाए ,
और हा सबसे जरूरी यहां ताना मार कर ही प्यारा मिलता है,
इस पड़ाव पर है।।
© nehachoudhary