...

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वफ़ा
तुमको ही चाहा सनम खुद से ज्यादा
मगर आपने हमको धोखा दिया है
पूछते हो हमसे क्या मोहब्बत का सिला है
नजर डाल के देखो तुमने क्या क्या किया है

मुझको बताना कुछ जरूरी न समझा
क्या ये ही मोहब्बत का वफा सिलसिला है
तेरी मोहब्बत का आग़ाज़ था मैं
फिर क्यों यूं अब मुझको दगा दे दिया है

देखा जो तुझको तो सोचा था हमने
ये ही मुसलसल मेरी दिलरुबा है
मुझको रुलाकर तुमने ओ यारा
समझो तुमने कयामत को रुसवा किया है

देखा था प्यार मेरा अब देखो तकरार तुम
दूर होके हमसे होगी तार-तार तुम
मेरा दिन दैहक रहा है रात जल रही है
आग में नफरत के खोदोगी संसार तुम

तूम तो बेवफा ना थी इतनी कैसे बदली
कोई तो मुझसे अच्छा कोई तो मिला है
बातें ये नहीं है तो सच तो बता दो
मुझसे दूर जाने की क्या असली वज़ह है
© Abhishek maurya