...

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इश्क़ है तुमसे मगर...
बा–दिले–जार हूं मैं
मोहब्बत में हार कर

जीते जी मरना
सीख ही लिया मैंने
दिल को मेरे अब और तू चाक ना कर

भरी बज्म में रुसवा किया है
दहान–ए–जख्म की बात ना कर

तुमसे ना उम्मीद हूं मैं अब
मुश्त–ए–ख़ाक हो जाएगा
एक दिन मेरा ये जहन

ताक–ए–निसियाँ हुई हैं यादें
तू अब तस्कीन–ए–इज्तिराब की बात ना कर

इश्क़ है तुमसे बेइंतेहा आज भी
मगर तू अब मुझसे इश्क़ की बात ना कर


बा–दिले–जार :– hurt
चाक:– broken
दहान–ए–जख्म :- bruise
मुश्त–ए–ख़ाक :- death
ताक–ए–निसियाँ :- something which is kept and forgotten
तस्कीन–ए–इज्तिराब :- soothe

#feelings #letmeheal #temporary



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