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पीढ़िया
आती हैं पीढिय़ां,
जाती हैं पीढिय़ां,
अपने आप को समझाती हैं पीढिय़ां।
ये गदेले ,वो गदेले बकैयां चल रहे हैं ,
स्नेह सूत्र से दिल बहलाती हैं पीढियां।
देखते ही देखते बच्चे आगे निकल गये,
मासूम अदाएं देखकर हर्षाती हैं पीढियां।
हमारा समय अच्छा था, कहते नही थकते,
ओढ़कर भरमो की चादर ,
भरमाती हैं पीढियां।
मर्त्यों की दुनिया में ,
हम ही सदा अमर हैं,
गफलत मे,
'ये सोचते हुए समय बिताती हैं पीढियां,,!!
© k.s
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