...

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हलवाई की कलम से

तुम्हारी हँसी में मैं कितना खो गया,
सुन ले ओ पगली अब तेरा हो गया,
बन चुकी है तू मेरी बंगाली मिठाई ,
मैं तेरा राजस्थानी नमकीन हो गया।
बर्गर मंचूरियन पास्ता बन जा मेरी ,
मैं तेरा चाइनीस इटालियन हो गया।
खिलाऊंगा मैं तुझे गुजराती फरसाण,
बिन चटनी का तेरा समोसा हो गया।
मैसूर उत्तपम रवा डोसा बन जा मेरी,
मैं तेरा शाही श्रीखंड फालूदा हो गया।
तू हाँ कर छपवा दूँ मैं शादी का कार्ड ,
मंडप रिसेप्शन कब का तैयार हो गया।
© Lavkush Gupta