खुशी
चलो आज हम खुशियां
तलाशते हैं , ओर शुरुआत
खुद से करते हैं पता है जब
कभी हमारे यहां बारिश
आती है , मेरे चेहरे पर
एक प्यारी सी मुस्कान अपने
आप ही आ जाती हैं ,
सबकी रोक टोक को अनसुना
कर मै निकल जाती हूं
बेफिक्र , ओर खुद को
पूरी तरह भीगने देती हूं
बारिश में , बारिश की बूंदे
मेरे व्याकुल मन को शांत
कर देती हैं और मुझे जीवन
का एक नया रुख दिखाती हैं
जब मै अपने हाथो में उसे
पकड़ने की कोशिश करती
हूं वो मेरे हाथों से छूट मिट्टी
में मिल जाती है , वो नन्ही
सी बूंद किस तरह एक छोटे से
पौधे को सींच कर...
तलाशते हैं , ओर शुरुआत
खुद से करते हैं पता है जब
कभी हमारे यहां बारिश
आती है , मेरे चेहरे पर
एक प्यारी सी मुस्कान अपने
आप ही आ जाती हैं ,
सबकी रोक टोक को अनसुना
कर मै निकल जाती हूं
बेफिक्र , ओर खुद को
पूरी तरह भीगने देती हूं
बारिश में , बारिश की बूंदे
मेरे व्याकुल मन को शांत
कर देती हैं और मुझे जीवन
का एक नया रुख दिखाती हैं
जब मै अपने हाथो में उसे
पकड़ने की कोशिश करती
हूं वो मेरे हाथों से छूट मिट्टी
में मिल जाती है , वो नन्ही
सी बूंद किस तरह एक छोटे से
पौधे को सींच कर...