विटप, तुमसे तो है
सांसों का चलना , अन्नों से तृप्ति और ये मीठे झल,
रस_ गंध _स्वाद_ मादकता से सृष्टि,और सोन_ से _बादल
रेशम - द्युति व खद्योत का प्रकाश , मौसम का परिवर्तन,
चंदन की छवि ,जड़ी - बूटी का वैभव , साज-शय्या आकर्षण,
विटप ,तुम से तो हैं - ये हरित आनंदमय उत्कर्ष !
ग्रह की रचना , पूजा पात्र, आवरण का रंग व स्मार्त,
कलाकृति की...
रस_ गंध _स्वाद_ मादकता से सृष्टि,और सोन_ से _बादल
रेशम - द्युति व खद्योत का प्रकाश , मौसम का परिवर्तन,
चंदन की छवि ,जड़ी - बूटी का वैभव , साज-शय्या आकर्षण,
विटप ,तुम से तो हैं - ये हरित आनंदमय उत्कर्ष !
ग्रह की रचना , पूजा पात्र, आवरण का रंग व स्मार्त,
कलाकृति की...