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गुजर गए...💔✍️✍️ (गजल)
दिल पे जख्म खाये कई साल गुजर गए
बरसातों के वो मौसम वो हाल गुजर गए

ना प्यार ही रहा ना कोई आरज़ू रही
शबभर ना जाने कितने ख्याल गुजर गए

वो लोग मेरे दर्द को क्या समझते 'सत्या'
जो लेके अपने हाथों में रूमाल गुजर गए

जू तक न रेंगी उसके कानों पर साहब
उसके कानों से होकर सवाल गुजर गए

अब खुशी और गम से फर्क नहीं पड़ता
मेरे जीवन में यार कितने बवाल गुजर गए

कभी देखो मेरी आंखों में झांककर तुम
बहते -बहते गालों से कई ताल गुजर गए

अब तुझ पर भी टूटेंगे गमों के ये पहाड़
लम्हे तेरे जीवन से खुशहाल गुजर गए

हमने नजर ना उठाई एक तेरी चाह में
मेरे सामने से लजीज थाल गुजर गए



© Shaayar Satya