नेह लिखा
सावन भर आए अंबर मे,
तब कवियों ने नेह लिखा।
सरसो जब फूले बंजर मे,
तब कवियों ने नेह लिखा।
अंखिया जब-जब कजराई,
तब काली घटा घन में छाए।
कुहुक उठी कोयल बगिया मे,
तब कवियों ने नेह लिखा।
जब अमियां बौराई यौवन मे,
तब कवियों ने नेह लिखा।
कलियां मुस्काई उपवन मे,
तब कवियों ने नेह लिखा।
पैजन छनके जब पैरन मे,
सूर और ताल बजे मन मे।
कदम जब बहके राहों में,
तब कवियों ने नेह लिखा।
पीयू-पीयू जब रटा...
तब कवियों ने नेह लिखा।
सरसो जब फूले बंजर मे,
तब कवियों ने नेह लिखा।
अंखिया जब-जब कजराई,
तब काली घटा घन में छाए।
कुहुक उठी कोयल बगिया मे,
तब कवियों ने नेह लिखा।
जब अमियां बौराई यौवन मे,
तब कवियों ने नेह लिखा।
कलियां मुस्काई उपवन मे,
तब कवियों ने नेह लिखा।
पैजन छनके जब पैरन मे,
सूर और ताल बजे मन मे।
कदम जब बहके राहों में,
तब कवियों ने नेह लिखा।
पीयू-पीयू जब रटा...