सुबह
प्रकृति की गोद में फिर से बहार आई
ख़ामोशी की परत खोल सुबह निकल आई
बादलों संग अठखेलियां करती ठंडी बयार आई
सोई सी कलियां यूं फ़िर खुल कर मुस्कुराई ..!
ख़ामोशी की परत खोल सुबह निकल आई
बादलों संग अठखेलियां करती ठंडी बयार आई
सोई सी कलियां यूं फ़िर खुल कर मुस्कुराई ..!