safar
यूँ ही किसी शाम को ढल जाना है।
जिंदगी क्या तेरा कोई पता ठिकाना है।
धुंधली हो चलो है अब उनकी यादें भी।
चंद सांसों का बाकी मेरा आबोदाना है।
ये जुस्तजू के उनके साथ दो पल गुजरे।...
जिंदगी क्या तेरा कोई पता ठिकाना है।
धुंधली हो चलो है अब उनकी यादें भी।
चंद सांसों का बाकी मेरा आबोदाना है।
ये जुस्तजू के उनके साथ दो पल गुजरे।...