...

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हे गुरुदेव!
हे गुरुदेव! जन्म जन्मांतर तक आप रहे गुरु
मित्रता की हमारी यही एक मात्र कामना।
कामना यही कि चिरकाल तक आप बने रहे गुरुमित्र
सदैव सुगंधित रहे मित्रता की यह भावना।।

भावना जो यह जुड़ा है हृदय से
सदैव बने रहेंगे हमारे संबंध।
संबंध जो यह बन गया
कदापि न होगा खंड।।

खंड खंड जब कुछ लोगों ने किया
आपने था थामा हमारा हाथ।
हाथ जो आपने थाम लिया
प्रतीत हुआ श्रीकृष्ण...