भाव में शिव 🙏
भाव से शिव दिखे, भाव में ही शिव बसे,
न कोई मूरत, न कोई आकार,
मन के मंदिर में ही शिव का वास।
नन्दी में, सर्प में, कण कण में,
आध्यात्मिक प्रेम में शिव,
सदा वही दिख जाए।
भाव से ही मंदिर में भगवान,
भाव नही तो मंदिर भी पर्यटन स्थान।
...
न कोई मूरत, न कोई आकार,
मन के मंदिर में ही शिव का वास।
नन्दी में, सर्प में, कण कण में,
आध्यात्मिक प्रेम में शिव,
सदा वही दिख जाए।
भाव से ही मंदिर में भगवान,
भाव नही तो मंदिर भी पर्यटन स्थान।
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