सागर किनारे
अथांग सागर के किनारे
कुछ पल आज गुजारे
प्रशस्त सा लगा
मानों सब कुछ
हो थमा
न कोई बंधन
न कोई सीमा
बस एक ही...
कुछ पल आज गुजारे
प्रशस्त सा लगा
मानों सब कुछ
हो थमा
न कोई बंधन
न कोई सीमा
बस एक ही...