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जीवन के संग्राम में कई ऐसे पथ आते हैं
जीवन के संग्राम में कई ऐसे पथ आते हैं
जो विचलित हमारी मनोदशा को पल भर में कर जाते हैं
न सोचने न समझने का कुछ समय देते हैं
छीनकर मेरी ही हस्ती को मुझे रुलाते हैं
जीवन के संग्राम,,,,

आईने रुपी इस कृति को न हम तीव्रता से भाप पाते हैं
देख मूर्छित हमारी आंखें बस सोचते समझते रह जाते हैं
आहट की इस खबरों को न हम मनोवृत्ति के साथ पढ़ पाते हैं
इनके हत्थे हम आसानी से चढ़ जाते हैं
जीवन के संग्राम,,,,

यह वट वृक्ष है जो हमारी शक्ति ऊर्जा को हमें बताने आते हैं
हमारी कुशलता सक्षमता योग्यता हमें दिखाने आते हैं
यह प्रहरी है जो सुरक्षा हमारी संबलता को देते हैं
हमको लड़ने भीड़ने और मजबूत होने की सोचने कि शक्ति प्रदान करते हैं
जीवन के संग्राम,,,,

है जो कुछ लोग इससे भाग जाते हैं
नहीं तो रास्ता बदल कर खुद हार जाते हैं
थके से निर्बल असहाय कुंठित एहसास करते हैं
अपने कर्मों को दोस दे कर आंसू बहाते हैं
जीवन के संग्राम,,,,

जबकि यही समय है हमारी योग्यता , कौशल को पहचानने की
यही समय है हमारी उड़ान को और दोगुनी करने कि
लेकिन हम यहां अक्सर मार खा जाते हैं
मुश्किल पथ चलते बढ़ने से पहले हम अपनी मनोदशा को
समर्थ शक्ति खो देते हैं
जीवन के संग्राम,,,,

हमें चाहिए कि नित नई नीति का निर्माण कर योग्य कुशल बन जाए
सक्षम जीवन की अनुभूति को साक्षात देख पाए
चाहे आए आंधी चाहे आए तूफान उनसे दोनों आंख दो-दो कर जाए
अपनी -अपनी योग्यता में क् समय-समय के साथ चार चांद लगाए
जीवन के संग्राम,,,,

संदीप कुमार अररिया बिहार
© Sandeep Kumar