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तुम पेड़ काटते हो ना!
अरे ! मनुष्य तुम पेड़ काटते हो ना,
आज देखो ,इसी ऑक्सीजन के लिए।
हम सब मर रहे है,
अब महसूस करो इस दर्द को।।
गौर से देखो,
इतने सालो तक तुमने मारा ।
आज ये ऑक्सीजन के लिए,
तुम्हें मार रहे हैं ।।
यह तो बस कहने की बात है,
की ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है ।
किसी ने यह नहीं सोचा,
किसकी वजह से हो रहा है ।।
अरे ! ओ पत्थर दिल इंसान,
अब भी सुधर जाओ।
क्यों खुद को बर्बाद करने में लगे हो,
तुम खुद जिम्मेदार हो इन सब के ।।
हमने पेड़ को कितना दर्द दिया,
आज वो हमें दर्द दे रहा है ।
ताजुब की बात तो यह है,
आज भगवान भी उसका साथ दे रहा है ।।
✍️ कंगना मिश्रा
#poemwriting
© copy right
@Incredible_Forever
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