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मोहब्बत थी
मेरे अकेलेपन को तेरे साथ की जरूरत थी
तो मोहब्बत थी।
तेरी निगाहों को दिलकश अदाओं की ज़रूरत थी
तो मोहब्बत थी
पिघलते जज़्बातों को गर्म एहसासों की ज़रूरत थी
तो मोहब्बत थी
हर दिन मुझे तेरी और तुझे मेरी जो आदत थी
तो मोहब्बत थी
ये आदत जो दोनों के ज़हन की ज़रूरत थी
तो मोहब्बत थी
गर ना होती दिलों की ये ज़रूरते तो कहो
कहाँ मोहब्बत थी
#WritcoPoemPrompt105
When should we only take action when it's consequences are immediate. Express your thoughts with a poe
© All Rights Reserved
तो मोहब्बत थी।
तेरी निगाहों को दिलकश अदाओं की ज़रूरत थी
तो मोहब्बत थी
पिघलते जज़्बातों को गर्म एहसासों की ज़रूरत थी
तो मोहब्बत थी
हर दिन मुझे तेरी और तुझे मेरी जो आदत थी
तो मोहब्बत थी
ये आदत जो दोनों के ज़हन की ज़रूरत थी
तो मोहब्बत थी
गर ना होती दिलों की ये ज़रूरते तो कहो
कहाँ मोहब्बत थी
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