नूर-ए -आफ़ताब
आज कई दिनों बाद नूर-ए-आफताब का पैगाम लाया
हूँ, सुर्ख होंठो पर मंजिल का नया पयाम लाया हूँ!
देर बहुत लगा दी तुमने इजहार करने में सनम,बर्बाद
कर दी दुनिया,तुम्हारे लिए तोहफे में इल्जाम लाया हूँ!
समझ ना पाया तेरी पाकीज़ा मोहब्बत को सनम सारी
जहां को छोड़ तुझ में ही...
हूँ, सुर्ख होंठो पर मंजिल का नया पयाम लाया हूँ!
देर बहुत लगा दी तुमने इजहार करने में सनम,बर्बाद
कर दी दुनिया,तुम्हारे लिए तोहफे में इल्जाम लाया हूँ!
समझ ना पाया तेरी पाकीज़ा मोहब्बत को सनम सारी
जहां को छोड़ तुझ में ही...