मां❤️
मातृ शब्द ये ऐसा है
शब्द नहीं कोई जैसा है
नाता ये ऐसा है
मोल चुका पाता ना कोई वैसा है
हर चीज छोटी है इस नाते के आगे
हर बात मानती है मां बिना कुछ मांगे
मंदिरों में बांधते हो धागे
टेकते हो सिर भगवान के आगे
भगवान भी कहते जा धूर्त
पहले पूरी कर उस माता की अनकही मांगे
और टेक अपना सिर पहले उसके आगे
फिर समझूंगा की कुछ मनुष्य है जागे
पूर्ण नहीं तो फिर भी आधे
मुझ से...
शब्द नहीं कोई जैसा है
नाता ये ऐसा है
मोल चुका पाता ना कोई वैसा है
हर चीज छोटी है इस नाते के आगे
हर बात मानती है मां बिना कुछ मांगे
मंदिरों में बांधते हो धागे
टेकते हो सिर भगवान के आगे
भगवान भी कहते जा धूर्त
पहले पूरी कर उस माता की अनकही मांगे
और टेक अपना सिर पहले उसके आगे
फिर समझूंगा की कुछ मनुष्य है जागे
पूर्ण नहीं तो फिर भी आधे
मुझ से...