प्रतिबिंब
आया बुलावा मौत का मैं था खड़ा-खड़ा वहीं पे
गिरा शरीर जब धरा पे,मैं था खड़ा-खड़ा वहीं पे
चहुँ ओर मातम ही मातम शोकाकुल हुए जब परिजन
मैं भ्रमित मन से निहारता रहा खड़ा खड़ा वहीं पे
है मोह माया जग...
गिरा शरीर जब धरा पे,मैं था खड़ा-खड़ा वहीं पे
चहुँ ओर मातम ही मातम शोकाकुल हुए जब परिजन
मैं भ्रमित मन से निहारता रहा खड़ा खड़ा वहीं पे
है मोह माया जग...