वो श्रमिक है जनाब
वो श्रमिक है जनाब
कब से अधूरे हैं उसके ख्वाब
कब सही होंगे हालात
कौन समझेगा उनके जज़्बात
कैसे कटते हैं उनके दिन और रात
कब आएगी रोटी कब...
कब से अधूरे हैं उसके ख्वाब
कब सही होंगे हालात
कौन समझेगा उनके जज़्बात
कैसे कटते हैं उनके दिन और रात
कब आएगी रोटी कब...