...

7 views

Kaisa dost hai Tu...
 मै रोता हूँ तू मुस्कुराता है है ,
मेरे जख्मों में तू मिर्ची लगाता है ,
मेरा हसना न तुझको रास आता है।
कैसा दोस्त है तू ?

जब सही राह मै चलता हूँ ,
तू राहों से भटकाता है ,
जो न सीखना हो ,वो बातें भी सिखलाता है।
कैसा दोस्त है तू ?


मै करता हूँ भरोसा ,तुझपे अपनी आंखे मूदकर ,
हर बार तू भरोसा मेरा तोड़ ही जाता है ,
नहीं करना भरोसा किसी पर आंखे मूँदकर ,
ये बातें सिखलाता है ,
कैसा दोस्त है तू ?

मेरी खातिर तू दौलत है ,
तेरी खातिर मै सौदा हूँ ,
बस कुछ पैसों की खातिर दगा हर बार करता है ,
कैसा दोस्त है तू ?

मेरे आगे तू कुछ और है ,
मेरे पीछे तू कुछ और है ,
मुझे मेरी अंजान असलियत से तू ,
वाकिफ हर एक बार करता है ,
कैसा दोस्त है तू ?

मुझे मेरे ही लोगों से ,जुदा हर बार करता है ,...