Gandhi Jayanti Special!🇮🇳🇮🇳
चल परे धोती पहनकर और चादर मोरकर,
चल परे वो हाँथ में लकड़ी ऊतकर,
सच्चाई हे उनका शास्त्र,
अहिंशा हे उनका आस्त्र।
वो थे "अहिंशा", "जिब् को प्रेम" के पुजारी।
वो थे करुणा, दया के प्रतिक,
गोरों को था दूर भगाया,
दूसमनो से भी किया था प्यार,
मानब पर किया था उपकार।
लॉगो की सबा करना था उनका धर्मा।
आपने...
चल परे वो हाँथ में लकड़ी ऊतकर,
सच्चाई हे उनका शास्त्र,
अहिंशा हे उनका आस्त्र।
वो थे "अहिंशा", "जिब् को प्रेम" के पुजारी।
वो थे करुणा, दया के प्रतिक,
गोरों को था दूर भगाया,
दूसमनो से भी किया था प्यार,
मानब पर किया था उपकार।
लॉगो की सबा करना था उनका धर्मा।
आपने...