...

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करेंगे इश्क फिर बर्बाद होंगे
करेंगे इश्क फिर बर्बाद होंगे ,
खुशी भाती नहीं नाशाद होंगे,

आएगी कब कज़ा हमको छुड़ाने,
कैद ए दुनिया से कब आजाद होंगे,

याद करते हैं ए दिल जिनको हम तुम,
क्या उनको भी हम तुम याद होंगे,

अभी चुभते हैं आंखों को तुम्हारी,
इनमें आंसू हमारे बाद होंगे,

दुआएं इतनी दी हैं हमने उनको ,
जहां होंगे बहुत आबाद होंगे,

आज शागिर्द हैं जो भी किसी के ,
किसी के कल वही उस्ताद होंगे,

बलाएं छू नहीं सकती हैं उसको,
जिसके सर मां के आशीर्वाद होंगे,

छोड़ दो साथ खजुआओं का यारों
वरना कल तुम्हें भी दाद होंगे,

© राम अवतार "राम"