करेंगे इश्क फिर बर्बाद होंगे
करेंगे इश्क फिर बर्बाद होंगे ,
खुशी भाती नहीं नाशाद होंगे,
आएगी कब कज़ा हमको छुड़ाने,
कैद ए दुनिया से कब आजाद होंगे,
याद करते हैं ए दिल जिनको हम तुम,
क्या उनको भी हम तुम याद होंगे,
अभी चुभते हैं आंखों को तुम्हारी,
इनमें आंसू हमारे बाद होंगे,
दुआएं इतनी दी हैं हमने उनको ,
जहां होंगे बहुत आबाद होंगे,
आज शागिर्द हैं जो भी किसी के ,
किसी के कल वही उस्ताद होंगे,
बलाएं छू नहीं सकती हैं उसको,
जिसके सर मां के आशीर्वाद होंगे,
छोड़ दो साथ खजुआओं का यारों
वरना कल तुम्हें भी दाद होंगे,
© राम अवतार "राम"
खुशी भाती नहीं नाशाद होंगे,
आएगी कब कज़ा हमको छुड़ाने,
कैद ए दुनिया से कब आजाद होंगे,
याद करते हैं ए दिल जिनको हम तुम,
क्या उनको भी हम तुम याद होंगे,
अभी चुभते हैं आंखों को तुम्हारी,
इनमें आंसू हमारे बाद होंगे,
दुआएं इतनी दी हैं हमने उनको ,
जहां होंगे बहुत आबाद होंगे,
आज शागिर्द हैं जो भी किसी के ,
किसी के कल वही उस्ताद होंगे,
बलाएं छू नहीं सकती हैं उसको,
जिसके सर मां के आशीर्वाद होंगे,
छोड़ दो साथ खजुआओं का यारों
वरना कल तुम्हें भी दाद होंगे,
© राम अवतार "राम"