नन्ही घास मेरे इश्क में
उदित भोर मन मेरा मुदित
खोले पट लगी मुझे प्रीत,
नन्ही घास देख मुझे
मंद-मंद मुस्कुरा रही ।
नित तेज लगे तप्त
संध्या तक हो मृत ,
सुबह उठूं आ गोद में...
खोले पट लगी मुझे प्रीत,
नन्ही घास देख मुझे
मंद-मंद मुस्कुरा रही ।
नित तेज लगे तप्त
संध्या तक हो मृत ,
सुबह उठूं आ गोद में...