टके सेर भाजी टके सेर खाजा
(यही तो हो रहा हैं रोज़ रोज़)
कहीं पे निगाहे
कहीं पे निशाना
मेरे को पूजे सारा ज़माना
हर तरफ मैं हूँ मैं हूँ एक राजा
टके सेर भाजी टके सेर खाजा
कोई न पूछे कोई न टोके
हर काम करूँगा हर त्रास दूंगा
शर्त बस एक है
छिपा हुआ दरवाज़ा
© Ramesh Mendiratta
कहीं पे निगाहे
कहीं पे निशाना
मेरे को पूजे सारा ज़माना
हर तरफ मैं हूँ मैं हूँ एक राजा
टके सेर भाजी टके सेर खाजा
कोई न पूछे कोई न टोके
हर काम करूँगा हर त्रास दूंगा
शर्त बस एक है
छिपा हुआ दरवाज़ा
© Ramesh Mendiratta