पृथ्वी
पृथ्वी प्रश्नय पोषण तुम्हें प्रदान करती है,
धरती के अविरल स्पर्श में पुलकित उमंग पूर्ण जीवन जीते हो,
तुम्हारी स्वार्थ पूर्ति के लिए धरती प्रत्येक क्षण आघात होती रहती है|
हे मानव तुम्हें धरती माँ के अथाह प्रजननकारी,वैभवकारी उपचारात्मक
गुणों का बोध होना चाहिए|
ना बनो इतने स्वार्थी सोते जागते उठते बैठते
जो प्रदान करती है हमें सुख सुविधाएं,
उसके प्रति हमारा भी तो कुछ कर्तव्य होना चाहिए||
© Kajal Mishra ✍️
धरती के अविरल स्पर्श में पुलकित उमंग पूर्ण जीवन जीते हो,
तुम्हारी स्वार्थ पूर्ति के लिए धरती प्रत्येक क्षण आघात होती रहती है|
हे मानव तुम्हें धरती माँ के अथाह प्रजननकारी,वैभवकारी उपचारात्मक
गुणों का बोध होना चाहिए|
ना बनो इतने स्वार्थी सोते जागते उठते बैठते
जो प्रदान करती है हमें सुख सुविधाएं,
उसके प्रति हमारा भी तो कुछ कर्तव्य होना चाहिए||
© Kajal Mishra ✍️