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रहने दे...
कभी-कभी दिल को अपनी मनमर्ज़ी करने दे,
कभी-कभार यूँ उसे पागल हो लेने दे,
अलबत्ता हर कहानी का अंजाम तय क्यों हो?
कुछ देर पतंग को माँझे से यूँ बेखौफ़ रहने दे...
साँझ के दिलकश नज़ारे को बस जी लेने दे,
सवालों के बीच इसे यूँ दुनिया ना होने दे,
रंज-मोहब्बत के नामों में क्या रखा है?
इसे यूँ सरेआम बदनाम ही रहने दे...
यूँ बंदिशों में कैद असीर ना होने दे,
उड़ने दे, बहने दे, टूटने दे, थिरकने दे,
कुछ और होने की ज़रुरत ही क्या है?
तू दिल को बस दिल रहने दे,
चल रहने दे...
© devil barewar
कभी-कभार यूँ उसे पागल हो लेने दे,
अलबत्ता हर कहानी का अंजाम तय क्यों हो?
कुछ देर पतंग को माँझे से यूँ बेखौफ़ रहने दे...
साँझ के दिलकश नज़ारे को बस जी लेने दे,
सवालों के बीच इसे यूँ दुनिया ना होने दे,
रंज-मोहब्बत के नामों में क्या रखा है?
इसे यूँ सरेआम बदनाम ही रहने दे...
यूँ बंदिशों में कैद असीर ना होने दे,
उड़ने दे, बहने दे, टूटने दे, थिरकने दे,
कुछ और होने की ज़रुरत ही क्या है?
तू दिल को बस दिल रहने दे,
चल रहने दे...
© devil barewar
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