...

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एक आखिरीअलविदा।।
कैसे कहूं , किससे कहूं
जो दिल में है समा मेरे ।।
जो उलझन है ,इसे कैसे
सुलझावू मै,कैसे सुलझावू मै।।

कोई तो तरीका होगा,
कोई तो तरीका होगा।।
जो मुझे इस मुसीबत से निकालेगा,
कोई तो तरीका होगा।।

कैसे कहूं ,किससे कहूं,
जो दिल में है उलझन मेरे
इसे कैसे सुलझावू मै।।
कोई तो रस्था होगा,तक गई हूं मै,
अब और सेहन नहीं होता मुझसे।।

सारी उम्मीदें तूट गए मेरे,
अब जोड़ने से भी डर लगता है मुझे ।।
कई दुबारा बिखरे तो समेट नहीं पाऊंगी मै,
अब कोई उम्मीद रहा नहीं ज़िंदा।।

ऐसा कोई तो होगा ,जिससे केह पाऊंगी
मै अपना दिल की बात ,कोई तो होगा।।
हालात इस तरीके से बिगड़ गए कि
सुधार ने का सोच भी डरावना लग रहा।।

तरस गए मेरे आंखे,तरस गए मेरे आंखे,
एक वक्त सुकून पाने के लिए।।
अब उनमें इतनी ताकत नहीं रही
की वो आंसू बहा सखे,सुख गए सारे आंसू।।

मन में हजार सवाल है,
जिनके कोई जवाब नहीं है,
और अब दुंडने का दिल नहीं करता।।
और हिमत नहीं रही मुझमें,
कोई उमीध नहीं जिंदा।।

कैसे कहूं किस से कहूं दिल की बात
अब कोई उम्मीद नहीं ज़िंदा।।
बस एक लफ्ज़ बच गई है, जिसे कहने से
यह कहानी होगी पूरी,और वो है अलविदा।।

एक आकरी अलविदा और कतम कहानी।
अलविदा,अलविदा ,अलविदा ,अलविदा।।
एक आखिरी अलविदा और खत्म कहानी।एक आखिरी अलविदा और खत्म कहानी।
© saధना🖌️