...

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मोहब्बत
हम दिलो जान से
मोहब्बत करते रहें,
पर उन्हें मुड़ कर देखने का
वक्त नहीं मिला,
जब लौट के आना चाहे वो
हमारे पास हमारे लिए
वक्त खेल चुका था अपना खेल
हम किसी और के बन बैठे थे
अपनों के खातिर
© Dr. Jyoti Prakash Rath