तलाश जारी है..
तलाश जारी है फिर से उसी इंसानियत की
जिसे आज की कलयुगी मानव ने खो दिया है
इस खुबसूरत - से दुनिया की चकाचौंध में फसकर??
जो हमेशा ही दूसरों के सुख को देखकर सुखी
और दूसरों के दुख को देखकर दुखी होता था।
जो सत्य अहिंसा और ईमानदारी को ही
हमेशा अपना परम धर्म समझता था,
जो प्रेम, समर्पण, त्याग, करुणा, दया की भावना
हमेशा अपने अंतर्मन में रखता...
जिसे आज की कलयुगी मानव ने खो दिया है
इस खुबसूरत - से दुनिया की चकाचौंध में फसकर??
जो हमेशा ही दूसरों के सुख को देखकर सुखी
और दूसरों के दुख को देखकर दुखी होता था।
जो सत्य अहिंसा और ईमानदारी को ही
हमेशा अपना परम धर्म समझता था,
जो प्रेम, समर्पण, त्याग, करुणा, दया की भावना
हमेशा अपने अंतर्मन में रखता...