...

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पतझड़ में झड़ जाऊंगा।
(कभी कभी कुछ लिखने के लिए कलम से नहीं जज़्बात से खेलना पड़ता है।)


रहने दो छोड़ो भी अब, मै ना वापस आऊँगा,
प्यार , मोहब्बत , इश्क , वफा सबको अब बतलाऊँगा,

मीठी मीठी बातों को अब इन रंगों से महकाऊँगा,
चित्रकार ना सही लेखक ही बन जाऊँगा,

रो लेना अब तकिया लेकर कंधा मै ना लाऊँगा,
तिनका तिनका टूट गया हूं रद्दी में बिक जाऊँगा,

मिलकर तुमसे सीखा मैंने , फिर इश्क ना कर पाऊँगा,
अभी तो "सावन" आया है , "पतझड़" में झड़ जाऊँगा...!!


#writcopoemchallegene
#WritcoPrompt
#meraishq