पतझड़ में झड़ जाऊंगा।
(कभी कभी कुछ लिखने के लिए कलम से नहीं जज़्बात से खेलना पड़ता है।)
रहने दो छोड़ो भी अब, मै ना वापस आऊँगा,
प्यार , मोहब्बत , इश्क , वफा सबको अब बतलाऊँगा,
मीठी मीठी बातों को अब...
रहने दो छोड़ो भी अब, मै ना वापस आऊँगा,
प्यार , मोहब्बत , इश्क , वफा सबको अब बतलाऊँगा,
मीठी मीठी बातों को अब...