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love अष्टक 😇😇😇❣️❣️❣️❣️❤️❤️❤️
तरणि तनुजा तट तमाल तरुवर बहु छाये,
पराकाष्ठा पर प्रतीक्षा, पर तुम नही आये,❤️❤️😇

कनक कनक ते सौ गुने मादकता अधिकाय,
तोरी मादकता क्या कहूं लेखक लिख ना पाये,❤️❤️😇

कालिंदी कूल कदंब की डारन,
प्रसून समझ प्रेम किया तुम निकले पाहन,❤️❤️😇

सारंग ले सारंग चली ले सारंग की ओर,
संध्या सकल संसार में कहाँ मैं खोजूं भोर,❤️❤️😇

सुवरन को ढूंढत फिरत कवि व्यभिचारी चोर,
वियोग में योगी बने कलरव लागे शोर❤️❤️😇

गोरी सोवे सेज पर मुख पर डारे केश,
राग गाऊँ कौनसा प्रेम गयो परदेश,❤️❤️😇

तीन बेर खाती थी जो तीन बेर खाती है,
तेरी याद आती थी और तेरी याद आती है,❤️❤️😇

भक्तों भारतवर्ष में भांति भांति के रोग,
साध्य हुए बाकी सारे असाध्य प्रेम वियोग❤️❤️😇

(इति श्री भविष्य संभावित सौरभ कृत लव पुराणे प्रथम सोपानः अलंकारिक लवाष्टक: समाप्त:)❤️❤️😇

मेरा विश्वास है इस स्त्रोत का इक्कीस दिन तक जाप करने से अभीष्ट फल प्राप्त होगा ,और आपको अपने प्रेमी की प्राप्ति होगी🤣🤣🤣❤️❤️😇😇











© सौ₹भmathu₹