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कैसे लिखूं?
तुम बताओ दर्द लिखूं की जबा कैसे लिखूं?
दो लफ्जो से अपनी फकत दास्तां कैसे लिखूं?
तेल ख़त्म है फिर भी लौ बाकी है जिसकी,
ऐसे दिए को फना लिखूं या बुझा कैसे लिखूं?
इंटे जोड़कर ढांचा खड़ा है जो ये यहा अब,
मोहब्बत से खाली घर को मका कैसे लिखूं?
मिटा दिए क़दमों के निशान सामने चलते हुए,
साए से मात खाने को शिकास्ता कैसे लिखूं?
लहज़े जहर आलुदा अल्फ़ाज़ शिरी है नूर,
मुखौटे पहने लोगो को महरबा कैसे लिखूं?
© Noor_313
दो लफ्जो से अपनी फकत दास्तां कैसे लिखूं?
तेल ख़त्म है फिर भी लौ बाकी है जिसकी,
ऐसे दिए को फना लिखूं या बुझा कैसे लिखूं?
इंटे जोड़कर ढांचा खड़ा है जो ये यहा अब,
मोहब्बत से खाली घर को मका कैसे लिखूं?
मिटा दिए क़दमों के निशान सामने चलते हुए,
साए से मात खाने को शिकास्ता कैसे लिखूं?
लहज़े जहर आलुदा अल्फ़ाज़ शिरी है नूर,
मुखौटे पहने लोगो को महरबा कैसे लिखूं?
© Noor_313
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