...

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रवायत
रवायत जमाने की रास आती नहीं
तुझसे ये दूरी हमसे सही जाती नहीं

कोई समझता नहीं ऐहसास हमारे
मोहब्बत से बेवफ़ाई सही जाती नहीं

मिलने से कबतक रोकेगा ये जमाना
वादा खिलाफी हमसे सही जाती नहीं

तोड़कर सारे रस्म ओर रिवाज आ जा
बेसब्री जिंदगी की अब सही जाती नहीं