गुनाह - ए- मोहब्बत।
गुनाह- ए- मोहब्बत करने के बाद मेरी इन आखों में नींद कम है।
तुम्हें इक्तला कर दू जानेमन मेरे पास अब सासें भी कम है।
इल्म है मुझे भी की मेरी पास वक्त थोड़ा कम है
अपने लबों से मेरे...
तुम्हें इक्तला कर दू जानेमन मेरे पास अब सासें भी कम है।
इल्म है मुझे भी की मेरी पास वक्त थोड़ा कम है
अपने लबों से मेरे...