"छाँव का आशियाँ"
छाँव का आशियाँ खोजने वाले,
धूप से बच कर निकलते रहे..!
कभी कड़क रहे स्वभाव से अपने,
कभी अपनों के लिए पिघलते रहे..!
जीवन की पगडंडियों पे गिरते,
कभी कभार सँभलते...
धूप से बच कर निकलते रहे..!
कभी कड़क रहे स्वभाव से अपने,
कभी अपनों के लिए पिघलते रहे..!
जीवन की पगडंडियों पे गिरते,
कभी कभार सँभलते...