बेरुखी
एक हसीं शाम का वादा था
उनसे...
वो शाम कभी आई ही नहीं
रूठने, मनाने के सिलसिले मे
रूठें जो हम उनसे तो...
वो शख्स
मनाने...
उनसे...
वो शाम कभी आई ही नहीं
रूठने, मनाने के सिलसिले मे
रूठें जो हम उनसे तो...
वो शख्स
मनाने...