चुप रहना अपराध हैं
#अपराध
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
किस भांति देखो आघात करता है
व्यंग पर गंभीरता का प्रहार करता है
मन तू मौन क्यों रहता हैं क्यों सबके
व्यंग औऱ प्रहार सहता हैं चुप रहकर
सब कुछसहना भी तों एक अपराध हैं
ना इसलिए चुप रह अपने ऊपर किए
हर अपराध क़े लिए आवाज़ उठा मत
डर किसी सें ज़ब तू सही हैं तों कोई
तेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता
© Purnima rai
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
किस भांति देखो आघात करता है
व्यंग पर गंभीरता का प्रहार करता है
मन तू मौन क्यों रहता हैं क्यों सबके
व्यंग औऱ प्रहार सहता हैं चुप रहकर
सब कुछसहना भी तों एक अपराध हैं
ना इसलिए चुप रह अपने ऊपर किए
हर अपराध क़े लिए आवाज़ उठा मत
डर किसी सें ज़ब तू सही हैं तों कोई
तेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकता
© Purnima rai
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