"भाई पिता और बहन मां बन जाती है"
कभी कभी रिश्तों के डोर में,
जिंदगी ऐसे उलझ जाती है कि,
रिश्तों के छोर को सधाने के लिए,
भाई पिता और बहन मां बन जाती है!!
अधूरी कहां थी जिंदगी जो हों गयी,
बस कुछ दूरियों से अधूरी हो...
जिंदगी ऐसे उलझ जाती है कि,
रिश्तों के छोर को सधाने के लिए,
भाई पिता और बहन मां बन जाती है!!
अधूरी कहां थी जिंदगी जो हों गयी,
बस कुछ दूरियों से अधूरी हो...