पीर!
क्यों और कैसी ये रीत है,
बस मजबूरी है!
बिन रोए बयां नहीं कर पा रहा,
ऐसी पीर है!
सब कुछ छोड़ बड़े शहर आने की
पढ़ने या कमाने निकल जाने की!
बस बहुत हुआ।
जल्द लौट जाऊंगा माँ-बाप के पास,
सुकून के आँचल में रहूँगा उनके साथ!
© J
बस मजबूरी है!
बिन रोए बयां नहीं कर पा रहा,
ऐसी पीर है!
सब कुछ छोड़ बड़े शहर आने की
पढ़ने या कमाने निकल जाने की!
बस बहुत हुआ।
जल्द लौट जाऊंगा माँ-बाप के पास,
सुकून के आँचल में रहूँगा उनके साथ!
© J