...

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"शर्वरी"

नयन सींचते स्वप्न अद्भुत
प्रतीति होते हैं आलोकित
सांध्य के मनहरण क्षण से
ठांव पाता है दिवाकर।।

वो विरह की वेदना गा
तुमसे हृदय के भाव कह दे
और नयनों से छुपाकर
अक्षियों का...