...

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मन
मन ही क्रम है
मन ही धर्म है
जो मन को ना समझे
वो मन ही भ्रम है

एक मनोयोगी ही शांत है
आज हर मानव ही आक्रांत है
मन ही तेज़ है
मन ही मानव है
जो है चंचल
वो मन ही दानव है










© yeshu