...

5 views

काग़ज़


काग़ज़ का दिल होता तो
मोहब्बत बन मैं उड़ जाती

मोम का दिल होता तो
मैं पिघल जाती थी

हथेली पर दिल बना दिया तो
तक़दीरें तेरी बन जाती हूं

हीरा जड़ित दिल होता है तो
परख तेरे अनामिका अंगुली में बस जाती हूं

लिखूं जो काग़ज़ पर प्यार के सपने
तो लफ़्ज़ बन जाती हूं

तुम कहोगे कि मैं काग़ज़ हूं तो
रुपए वाला नोट बन जाती हूं

वफ़ा किससे करेंगे सब की नज़र
तो जिंदगी के सफ़र में भ्रम में हैं
मैं हमराही नहीं
फिर तो मुसाफ़िर बन जाती हूं