maa jaisa koi nhi
कइयों का जीवन समेटे बैठी अपने आप में,
ममत्व और प्यार का घनत्व देखने को मिलता सिर्फ माँ में।
यूँ तो हजारों रिस्ते बनते बीगड़ते दुनिया में,
सिर्फ माँ हीं तो है- विश्वास के अटूट रिस्ते रहते दुनिया में।
स्नेह, इबादत और प्यार की...
ममत्व और प्यार का घनत्व देखने को मिलता सिर्फ माँ में।
यूँ तो हजारों रिस्ते बनते बीगड़ते दुनिया में,
सिर्फ माँ हीं तो है- विश्वास के अटूट रिस्ते रहते दुनिया में।
स्नेह, इबादत और प्यार की...