...

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अब आंखें पथराने लगी हैं।
बस नींद ही नहीं आती हमें, वरना सोना तो हम अब ज़िंदगी भर के लिए चाहते हैं।
हमें उनसे कोई शिकवा नहीं, हम बस यूं ही बेवजह रोना चाहते हैं।
हमें वो किसके हैं, उससे मतलब अब नहीं,
उनसे कहो हम बस उनके होना चाहते हैं।
कोई सपना नहीं हमारे पास उनके सिवा,
हम उन्हें आंखों में सजाना चाहते हैं।
सिर्फ उनको पाना है हमें,
बाकी सारी दुनिया को हम खोना चाहते हैं।
नहीं हो रहा हमसे अब ये दिखावा,
हम उनसे ही लड़ के उन्हीं की बाहों में सोना चाहते हैं।
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