मैं लिखूं अधूरी ग़ज़ल
में लिखूं अधूरी गजल
तुम मुक्कमल ग़ज़ल लिख देना.....
मैं लिखूंगा तुमसे इश्क
तुम बे हद्द और बे हिसाब लिख देना….
मैं लिखूंगा रूह
तुम अपनी रूह में बसा लिख देना
मैं लिखूंगा सुकून
तुम अपने सीने से लगा लिख देना
मैं लिखूं बोसा
तुम अपना माथा लिख देना
में लिखूं नाराजगी
तुम प्यार से मानना लिख देना
मैं लिखूं नई...
तुम मुक्कमल ग़ज़ल लिख देना.....
मैं लिखूंगा तुमसे इश्क
तुम बे हद्द और बे हिसाब लिख देना….
मैं लिखूंगा रूह
तुम अपनी रूह में बसा लिख देना
मैं लिखूंगा सुकून
तुम अपने सीने से लगा लिख देना
मैं लिखूं बोसा
तुम अपना माथा लिख देना
में लिखूं नाराजगी
तुम प्यार से मानना लिख देना
मैं लिखूं नई...