तेरे वास्ते
इस तरह ना मूँद अपनी आँख प्रिये!
देख तेरे वास्ते आबाद हूँ मैं |
जुर्म है ये तू शहर-ए-शोर में है,
गौर से सुन तेरी ही आवाज हूँ मैं |
जीतना मुश्किल है, लेकिन हारना ना
देख तेरी जीत का आगाज हूँ मैं |
----भूपेन्द्र नागर "अमव"
देख तेरे वास्ते आबाद हूँ मैं |
जुर्म है ये तू शहर-ए-शोर में है,
गौर से सुन तेरी ही आवाज हूँ मैं |
जीतना मुश्किल है, लेकिन हारना ना
देख तेरी जीत का आगाज हूँ मैं |
----भूपेन्द्र नागर "अमव"