...

3 views

धीरज
इंसान भी कितना अजीब है प्राणी।
गैरों संग वह धीरज बनाए, अपनों की जिसने, कभी कदर ना जानी।।

गैरों को अच्छाई का मुखौटा पहन दिखाए,
अपनों संग जो तमीज से पेश भी ना आए।।

गैरों को कभी जो कोई बात ना समझ आए, इत्मीनान और धीरज से समझाए।
अपनों को समझाने की बात आए तो उन पर यह किस कदर चिल्लाए।।

क्यूं धीरज बन गया एक झूठा हथियार।
क्यूं धीरज हम उनके लिए खोते, जो...