...

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चीज़ों से शौक बन गया
सामान से जुड़ा खुशियो का भाव तो शौक बन गया,
जीवन के दुख सुख का लॉक बन गया....

पैसो को देकर चीज़ों से खुशिया खरीदनी चाही, बिन पैसो खुशिया मिली पानी के बुलबुलो में और कागज़ के जहाजो में,
सामान से जुड़ा खुशियो का भाव तो शौक बन गया,
जीवन के दुख सुख का लॉक बन गया...

तकिए वाले घर मे थी हंसी की किलकारी,
पैसे वाले घर मे आयी थकान और परेशानिया सारी,
सामान से जुड़ा खुशियो का भाव तो शौक बन गया,...